पीरियड्स क्या है? कब ओर क्यों शुरू होता है? | periods ke bare mein jankari

हम जानेंगे पीरियड्स (मासिक धर्म) की पूरी जानकारी ( periods ke bare mein jankari ) ओर इससे जुड़े सभी तथ्यों के बारे में ओर आपको बताएंगे पीरियड्स में आने वाली परेशानियों ओर उसके घरेलू उपाय के बारे ओर कुछ दवाइयों के बारे में जिसका हर महिला को पता होना चाहिये।
पीरियड्स जिसे मासिक धर्म माहवारी या रजस्वला भी कहा जाता है महिलाओं के शरीर में हर महीने होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है
यह प्रजनन तंत्र का हिस्सा है और यह दर्शाता है कि महिला का शरीर गर्भधारण के लिए तैयार हो रहा है आमतौर पर 11 से 14 साल की उम्र में पहली बार पीरियड्स (Menarche) आते हैं और 45 से 50 साल की उम्र तक चलते हैं

periods ke bare mein jankari

पीरियड्स का साइकल कैसे काम करता है? ( how to work periods sycle )

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मासिक धर्म चक्र आमतौर पर 28 दिनों का होता है लेकिन यह 21 से 35 दिनों के बीच भी हो सकता है यह चार चरणों में बंटा होता है:

मासिक धर्म चरण (Menstrual Phase)

3 से 7 दिन
इस दौरान गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) टूटकर रक्त के रूप में बाहर निकलती है
यह खून टिशू और श्लेष्मा (mucus) का मिश्रण होता है
इस दौरान महिलाओं को पेट और पीठ में दर्द कमजोरी चिड़चिड़ापन और सिरदर्द हो सकता है

फॉलिक्युलर फेज (Follicular Phase)

1 से 14 दिन
इस दौरान मस्तिष्क से FSH (Follicle-Stimulating Hormone) निकलता है जो अंडाशय (Ovary) में अंडाणु को विकसित करता है
शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ता है जिससे गर्भाशय की परत फिर से मोटी होने लगती है
यह शरीर को प्रेग्नेंसी के लिए तैयार करता है

ओव्यूलेशन फेज (Ovulation Phase)

14वां दिन
इस दिन अंडाशय से परिपक्व अंडाणु निकलता है और फैलोपियन ट्यूब में चला जाता है
यह वह समय होता है जब प्रेग्नेंसी के चांस सबसे ज्यादा होते हैं
कुछ महिलाओं को इस दौरान हल्का दर्द या ऐंठन महसूस हो सकती है

ल्यूटियल फेज (Luteal Phase)

15 से 28 दिन
अगर अंडाणु को शुक्राणु (Sperm) नहीं मिलता तो यह नष्ट हो जाता है
प्रोजेस्टेरोन हार्मोन घटने लगता है जिससे गर्भाशय की परत फिर से टूटने लगती है और नया मासिक धर्म शुरू होता है
इस समय कई महिलाओं को सिरदर्द सीने में सूजन मूड स्विंग्स और थकान जैसी दिक्कतें हो सकती हैं

पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याएं और कारण ( periods causes and problems )

दर्द और ऐंठन (Menstrual Cramps)

गर्भाशय की मांसपेशियां संकुचित होती हैं ताकि रक्त बाहर निकल सकेल जिससे दर्द होता है
कभी-कभी यह दर्द बहुत ज्यादा हो सकता ह जिसे डिसमेनोरिया (Dysmenorrhea) कहते हैं

पीरियड्स अनियमित होना (Irregular Periods)

कई बार महिलाओं के पीरियड्स समय पर नहीं आते या ज्यादा समय तक नहीं रुकते
इसके कारण हो सकते हैं:
हार्मोनल बदलाव
तनाव
ज्यादा वजन बढ़ना या कम होना
थायरॉयड समस्या
गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग

ज्यादा ब्लीडिंग (Heavy Flow)

अगर आपको 7 दिनों से ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है या बहुत ज्यादा रक्तस्राव हो रहा है तो यह मेनोरेजिया (Menorrhagia) हो सकता है
इसके कारण हो सकते हैं:
हार्मोनल असंतुलन
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
थायरॉयड समस्या
गर्भाशय में गांठ (Fibroids)

पीरियड्स के दौरान सिरदर्द और थकान

शरीर में आयरन की कमी के कारण कमजोरी महसूस हो सकती है

ब्लड प्रेशर कम होने की वजह से सिरदर्द हो सकता है

पीरियड्स के दर्द से राहत के घरेलू उपाय

गर्म पानी की थैली (Hot Water Bag)

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इसे पेट या पीठ पर रखने से मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और दर्द कम होता है

अदरक और तुलसी की चाय

अदरक और तुलसी में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं जो ऐंठन को कम करने में मदद करते हैं

हल्दी वाला दूध

हल्दी एक प्राकृतिक दर्द निवारक है और सूजन को कम करता है

पपीता और अनानास

इन फलों में मौजूद एंजाइम पीरियड्स को नियमित करने और दर्द कम करने में मदद करते हैं

दालचीनी पाउडर

इसे गर्म पानी या चाय में मिलाकर पीने से ऐंठन में राहत मिलती है

जीरा पानी

जीरा उबालकर उसका पानी पीने से दर्द और सूजन कम होती है

योग और हल्की एक्सरसाइज

हल्की स्ट्रेचिंग और वॉक करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और दर्द कम महसूस होता है

पीरियड्स के दर्द के लिए कुछ असरदार दवाइयाँ

अगर घरेलू नुस्खों से आराम नहीं मिलता तो आप कुछ दवाइयों का उपयोग कर सकते है जैसे

Meftal-Spas – पीरियड्स के दर्द और ऐंठन के लिए

Drotin (Drotaverine) – गंभीर ऐंठन को कम करता है

Ibuprofen (Brufen) – सूजन और दर्द में राहत देता है

Buscopan – पेट की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है

Paracetamol (Crocin Dolo 650) – हल्के से मध्यम दर्द के लिए

ध्यान दें:
कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें
बहुत ज्यादा दर्द ज्यादा ब्लीडिंग या अनियमित पीरियड्स होने पर डॉक्टर से जांच करवाएं

पीरियड्स के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

हाइजीन का ध्यान रखें: सैनेटरी पैड टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप का सही इस्तेमाल करें और नियमित रूप से बदलें

अच्छा और हल्का खाना खाएं: हरी सब्जियां फल और प्रोटीन युक्त भोजन लें

ज्यादा कैफीन और जंक फूड से बचें: ये हार्मोनल असंतुलन बढ़ा सकते हैं

पर्याप्त पानी पिएं: इससे ब्लोटिंग और ऐंठन में राहत मिलती है

निष्कर्ष
पीरियड्स महिलाओं के जीवन का एक अहम हिस्सा हैं हालांकि यह कभी-कभी दर्दनाक और असहज हो सकता है लेकिन सही देखभाल खान-पान और घरेलू उपायों से इसे आसान बनाया जा सकता है अगर आपको बार-बार कोई समस्या हो रही है तो डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है

अगर आपको कोई और जानकारी चाहिए तो बेझिझक पूछ सकते हैं!

नोट:
यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले, कृपया अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें। हम किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह या उपचार की पुष्टि नहीं करते हैं।”

Question: 1. पीरियड के दिन कैसे गिने जाते हैं?

Answer: 1. पीरियड के पहले दिन से अगले पीरियड के पहले दिन तक के दिनों को गिनना

Question: 2. पीरियड्स के दौरान लड़कियां कैसा महसूस करती हैं?

Answer: 2. इस दौरान महिलाओं को पेट और पीठ में दर्द कमजोरी चिड़चिड़ापन और सिरदर्द हो सकता है

Question: 3. पीरियड में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?

Question: 3. पीरियड में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?
Answer: 3. अदरक और तुलसी की चाय अदरक और तुलसी में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं जो ऐंठन को कम करने में मदद करते हैं जिससे दर्द कम होता हैं

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